अमिताभ बच्चन को आई बाबूजी की याद, बोले- जब मैं मौत को हराकर लौटा, तब मैंने पहली बार बाबूजी को रोते हुए देखा था

महानायक अमिताभ बच्चन की मानें तो उन्होंने तब अपने पिता को पहली बार रोते हुए देखा था, जब वे फिल्म ‘कुली’ के सेट पर हुई दुर्घटना के बाद ठीक होकर अस्पताल से घर लौटे थे। बिग बी ने यह जानकारी अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में दी है। दरअसल, ट्विटर पर अमिताभ बच्चन के 45 मिलियन फॉलोअर्स होने की खुशी एक फैन ने उनकी, बाबूजी हरिवंश राय बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन की फोटो साझा की। इसके कैप्शन में लिखा गया, “पूज्य मां और बाबूजी के आशीर्वाद के साथ 45 मिलियन की शुरुआत।”
फोटो बहुत कुछ कहती है
अमिताभ ने फैन्स की पोस्ट को रि-पोस्ट करते हुए जवाब में लिखा, “कैप्शन ट्विटर पर 45 मिलियन फॉलोअर्स की जानकारी देता है। शुक्रिया जैस्मिन। लेकिन फोटो और भी बहुत कुछ कहती है। यह वो लम्हा है, जब मैं कुली की दुर्घटना के बाद मौत से जीतकर लौटा था। यह पहला मौका था, जब मैंने अपने पिता को रोते हुए देखा था। चिंतित अभिषेक मेरी ओर देख रहा था।”
T 3777 – The caption informs of 45 million on Twitter .. thank you Jasmine, but the picture says a lot more ..
Its the moment I came home surviving death after the ‘Coolie’ accident ..
Its the first time ever I saw my Father breaking down !
A concerned little Abhishek looks on ! pic.twitter.com/vFC98UQCDE— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) January 9, 2021
फोटो में देखा जा सकता है कि हरिवंश राय बच्चन की आंखों में आंसू हैं और अमिताभ बच्चन उनके पैर छू रहे हैं। जबकि अभिषेक अपने दादाजी के बगल में खड़े हुए हैं और उनके चेहरे पर परेशानी नजर आ रही है।
फाइट सीन में घायल हुए थे
24 जुलाई 1982 में बेंगलुरु में ‘कुली’ की शूटिंग चल रही थी। स्क्रिप्ट के मुताबिक, फिल्म के एक फाइट सीन में पुनीत इस्सर का घूंसा अमिताभ के मुंह पर लगना था, जिससे वे एक टेबल पर गिरते हैं। सीन प्लान के मुताबिक शूट हुआ और पूरी तरह रियल लगा। लेकिन टेबल का एक कोना अमिताभ के पेट में बुरी तरह चुभ गया था। उनके पेट की झिल्ली (जो पेट के अंगों को जोड़े रखती है और केमिकल्स से उन्हें बचाती है) और छोटी अंत फट चुकी थी। बेंगलुरु में उनकी सर्जरी की गई थी।
बताया जाता है कि हादसे के बाद 4 दिन बाद उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन अगले ही दिन जब दोबारा हालत बिगड़ी तो उन्हें मुंबई लाकर ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। अमिताभ लगभग मौत के मुंह में जा चुके थे। हालांकि, डॉक्टर्स का प्रयास और फैन्स की दुआएं रंग लाईं और 24 सितंबर 1982 को वे ठीक हो कर घर लौट आए थे।