कांग्रेस MLA के सिरोही MLA संयम लोढ़ा पर टिप्पणी से कांग्रेस में फिर बवाल की सम्भावना

जयपुर/सिरोही
सपोटरा से कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने विधानसभा में बैठने की व्यवस्था को लेकर बुधवार को स्पीकर से भिड़ने के बाद अपनी ही सरकार आरोप लगाए है। उन्होंने एससी—एसटी व अल्पसंख्यकों के साथ विधानसभा में बोलने को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है।
रमेश मीणा ने विधानसभा के बाहर आकर कहा कि सदन में बैठने की व्यवस्था में हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। सदन के भीतर SC-ST और माइनोरिटी से जुड़े विधायकों को जानबूझकर बिना माइक वाली सीटें दी गई हैं। सदन में बैठने की व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की है। हमारी आवाज को दबाया जा रहा है।
संयम लोढ़ा को ही बोलने का मौका क्यों…
कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने कहा कि विधानसभा में बैठने की व्यवस्था अध्यक्ष की नहीं सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन हमें बोलने का भी अधिकार नहीं है। अध्यक्ष नियम पंरपराओं का हवाला देते हैं, लेकिन क्या गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और संयम लोढ़ा के बोलने से ही इनका पालन होगा क्या? क्यों लगातार संयम लोढ़ा को ही बोलने का मौका दिया जाता है। नियम सब पर लागू होने चाहिए। पहले हर पार्टी के विधायक दल के नेताओं को आगे सीट दी जाती थी लेकिन अब वह व्यवस्था भी बदल दी है।
गहलोत व पायलट खेमे का आपसी टकराव
आपको बता दें कि कोरोना काल में गहलोत सरकार के गिरने की आशंकाओं के दौरान सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से काफी नजदीकियां बढ़ा दी। हालांकि किसी समय दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी होते थे, लेकिन कहा जाता है कि राजनीतिक में दोस्ती कब दुश्मनी में और दुश्मनी कब दोस्ती में बदल जाए कहा नहीं जा सकता। गहलोत सरकार पर जब संकट के बादल छाए हुए थे तो लोढ़ा गहलोत के साथ रहे और अपनी वफादारी दिखाने का कोई मौका नहीं चूके। वहीं दूसरी तरफ सपोतरा विधायक रमेश मीणा और अशोक गहलोत के बीच काफी समय से कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। वहीं रमेश मीणा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे से भी है और पायलट के करीबी भी है।
एससी—एसटी व अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव
रमेश मीणा ने कहा- SC-ST और माइनोरिटी के कांग्रेस में 50 विधायक हैं। कोरोना के नाम पर सदन में बैठने की व्यवस्था की गई है, उसमें दलित वर्ग के मंत्री टीकाराम जूली और भजनलाल जाटव को बिना माइक की सीट दी गई है। मेरे अलावा ST विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पंसख्यक विधायक अमीन खान और दानिश अबरार को बिना माइक वाली सीट दी गई हैं। हमारी छोड़िए, जूली और जाटव मंत्री हैं, उन्हें सवालों के जवाब देने होते हैं, उन्हें दूसरी जगह जाना पड़ता है। अमीन खान बुजुर्ग हैं उन्हें पीछे जाने में दिक्कत होती है। मुख्य सचेतक को अवगत करवाने के बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया।
जो कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी है उनकी आवाज को दबाया जा रहा
रमेश मीणा ने कहा- SC-ST और माइनोरिटी कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी है। हमारी आवाज को दबाया जा रहा है। हम कई बार मुख्य सचेतक को अवगत करा चुके है। आप समझ सकते हैं कि किसके इशारे पर यह हो रहा है। सरकार इसे समझे, इन वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव करके क्या मैसेज जाएगा। हमें तो यहां बोलने का अधिकार नहीं है।