तालाब पर बढ़ती जा रही अतिक्रमण की बाड़, सिमटता जा रहा बच्चों का बगीचा

-
नगरपरिषद टेलीफोन एक्सचेंज ऑफिस के पास मनमर्जी का खेल, हो रहा अतिक्रमण
जालोर
शहर में अतिक्रमण हटाने का जिम्मा नगरपरिषद पर है, लेकिन जिला मुख्यालय पर इसके विपरीत कुछ ऐसा हो रहा है जो हर किसी को हैरान कर रहा है। शहर के सुंदेलाव तालाब में जहां विकास कार्य हो रहे हैं। वही दूसरी तरफ टेलीफोन एक्सचेंज ऑफिस के पास विकसित किए जा रहे बाल उद्यान के पास ही अतिक्रमी अपनी जद को बढ़ा रहा है।
मामला इसलिए खास है कि यह सबकुछ दिन दहाड़े हो रहा है और इसको नगरपरिषद का संरक्षण प्राप्त है। बकायदा इस कार्य में एक पार्षद की प्रमुख भूमिका है। अक्सर यह पार्षद शहर के ज्वलंत मुद्दों पर पंचायती और धरना प्रदर्शन की नौटंकी करता भी दिखाई दे जाता है। लेकिन हकीकत में यह अतिक्रमण का मुख्य सरगना है। चर्चाएं हैकि इसी की शह से अतिक्रमण हो रहा है। जिसे हटाने की जहमत नगरपरिषद नहीं उठा रही।
दिन में बढ़ता रहा बाड़ का दायरा
यह मामला इसलिए खास है कि पहले यहां पानी का भराव का क्षेत्र था और तालाब में पानी पहुंचने का पुल भी यहां था, लेकिन सांठ गांठ के खेल में एक पुल को बंद कर वहां पर अतिक्रमण कर दिया गया। अब दूसरे छोर पर भी इसी तरह से अतिक्रमण किया जा रहा है। शनिवार को विभागीय अवकाश का फायदा उठाते हुए जेसीबी की सहायता से दिन दहाड़े कांटे की बाड़ को आगे बढ़ाया गया। यही नहीं सहानुभूति बटौरने के लिए यहां कुछ लोगों को भी बिठाया गया है। जबकि यह मामला सुंदेलाव तालाब विकास के दौरान भी चर्चा में आया था। जब तालाब के सौंदर्य की बात हो रही है तो जिम्मेदारों की तरफ से ही इस तरह से अतिक्रमण कर चांदी कूटने की मंशा कहंा तक सही है। वहीं नगरपरिषद यहां मनमर्जी से किए गए अतिक्रमण पर जांच के साथ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।
मंशा अच्छी, अतिक्रमी भारी
जालोर विकास समिति और कलक्टर हिमांशु गुप्ता की पहल से तालाब के सौँदर्य का कार्य हो रहा है जो दिख भी रहा है। लेकिन कुछ लोग इस मंशा के विपरीत जालोर हित से अधिक व्यक्तिगत हित को तवज्जो दे रहे हैं। यही कारण है कि टेलीफोन एक्सजेंच ऑफिस के पास के बगीचे के लिए आरक्षित क्षेत्र को ही हथियाने की बड़ी साजिश की जा रही है। जिसमें अब तक अतिक्रमी सफल नजर आ रहा है।