महेशपुरा : बस में आग की घटना की निष्पक्ष जांच के लिए जिला कलक्टर ने गठित की कमेटी

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कमेटी 3 दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी
जालोर
जालोर के महेशपुरा गांव में 16 जनवरी की रात में बस में लगी आग की घटना को लेकर निष्पक्ष जांच के लिए जिला कलक्टर ने जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया है।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि निष्पक्ष जांच के लिए गठित जिला स्तरीय कमेटी में अतिरिक्त जिला कलक्टर छगनलाल गोयल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्रपाल सिंह, जालोर उपखण्ड अधिकारी चम्पालाल जीनगर व विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियन्ता सी.एस. मीणा को सदस्य नियुक्त किया है। यह कमेटी तीन दिन में करंट से बस में लगी के सम्बंध में जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी।
यह था मामला
जैन तीर्थयात्रियों की एक बस रास्ता भटककर जालोर जिले के महेशपुरा गांव में पहुंच गई थी और बिजली के तार की चपेट में आने से पूरी बस में आग लग गई। इस घटना में बस में सवार 6 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। इसके अलावा काफी लोग घायल भी हुए थे। जिनमें से गम्भीर 7 लोगों को जोधपुर रैफर किया गया था।
वीडियो से जानें बस में आग लगने की पूरी घटना
ये हुए थे दुर्घटना के शिकार
मृतक : ब्यावर निवासी सुरभी पत्नी अंकित जैन, सोनल जैन पत्नी अनिल जैन, चांददेवी पत्नी गजराजसिंह जैन, अजमेर निवासी राजेन्द्र जैन पुत्र दौलतचंद जैन, अजमेर निवासी धर्मचंद जैन पुत्र गुमानमल चौरडिय़ा (बस चालक) तथा मनीष पुत्र रमेश कौली (खलासी)।
घायल : जयपुर निवासी प्रियंका पत्नी सुमित मेहता, कांता पत्नी राजेन्द्र जैन, अजमेर निवासी तारा पत्नी लक्ष्मणचंद कोठारी, ब्यावर निवासी सुनिता पत्नी मनोहरसिंह भंडारी, दिनेश पुत्र नेमीचंद जैन, गौतम पुत्र उत्तमचंद कोठारी, इंदौर निवासी कौशल्या पत्नी उमेश (इन्हें उपचार के लिए जोधपुर रैफर किया गया था)।
दर्शन कर लौट रहे थे
जैन श्रद्धालुओं की दो बसें बाड़मेर जिले के नाकोड़ा से दर्शन कर जालोर जिले के मांडोली स्थित जैन मंदिर में पूजा अर्चना की। यहां इन्होंने पूजा अर्चना के बाद भोजन किया और वहां से शनिवार को करीब ५ बजे रवाना होकर जालोर शहर के नंदीश्वर जैन तीर्थ में दर्शन किए। यहां से ब्यावर के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ता भटक जाने के कारण महेशपुरा गांव पहुंचे थे।
ये सब होता तो हादसा टल सकता था
यात्रियों की बस के रास्ता भटकने का पहला कारण शिवाजी नगर चौराहे पर किसी भी तरह का सांकेतिक बोर्ड नहीं था। इसलिए ये यहां से सीधा निकल गए। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। रास्ता भटकते हुए ये बसें महेशपुरा गांव पहुंची। दूसरा कारण यह है कि डिस्कॉम की लापरवाही के कारण डीपी के पास ब्रेकर में ट्रिपिंग रिले ने सही काम नहीं किया। अगर ट्रिपिंग रिले सही काम करता तो बस के चपेट में आते ही बिजली कट जाती, जिससे इतना बड़ा हादसा नहीं होता।