मनरेगा में बड़ी गड़बड़ी पर पर्दा डाल रहे अधिकारी…जानिये रानीवाड़ा का यह मामला

– राजनीतिक रसूखात का बेजा फायदा उठाने का मामला
जालोर. सरपंचाई विकास का माध्यम मानी जाती है, लेकिन रानीवाड़ा क्षेत्र के सूरजवाड़ा में ऐसा नहीं है। एक सरपंच स्वयं को एक विशेष दल का कार्यकर्ता बताते हुए उसका नाजायद फायदा इस कदर उठा रहा है कि मनमर्जी से मृतकों के नाम से मनरेगा के नाम से पैसे तक ऐंठे जा रहे हैं। इस संबंध मेें एसडीएम स्तर तक शिकायत हो चुकी है। लेकिन राजनीतिक धौंस और शह का फायदा अब तक इसे मिल रहा है। अधिकारी भी डर रहे हैं कि कही जांच की आंच उन पर नहीं आ जाए। अलबत्ता यह मामला अभी खासा चर्चा में है और बड़ी गड़बड़ी पर प्रशासनिक स्तर से ही पर्दा डाला जा रहा है।
मामला था यह
ग्रामीणों ने इस संबंध में एसडीएम को शिकायत भी दर्ज करवाई है। आरोप है कि मनरेगा योजना के तहत मृतकों के नाम से भी भुगतान उठाया गया है, लेकिन सरपंच के राजनीतिक रसूखात के चलते शिकायत के बाद भी अधिकारी मौन है। शिकायत थी कि रानीवाड़ा पंचायत समिति की सूरजवाड़ा ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में मॉडल तालाब में मस्टररोल से हुए कार्य में गलत तरीके से भुगतान उठाकर सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाई गई है। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत सूरजवाड़ा में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, सहायक ग्राम सेवक व मेट ने मिलकर मृतकों व महानगरों में व्यवसाय करने वाले लोगों के नाम से जॉबकार्ड जारी कर भुगतान उठा लिया।इस तरह हो रहा फर्जीवाड़ामनरेगा की ऑनलाइन वेबवाइट पर जॉबकार्ड धारक एक महिला के नाम से अभी भी भुगतान उठाया जा रहा है, जबकि करीब तीन साल पहले उसकी मौत हो चुकी है। वेबसाइट पर सूरजवाड़ा पंचायत के रोड़ा गांव में मॉडल तालाब पर गत 5 से 19 जुलाई तक मस्टररोल में इस महिला का नाम भी दर्ज है। वहीं उसके बेटे के जॉबकार्ड में परिवार के जिन सदस्यों के नाम हैं, उनमें भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
सरपंच की पत्नी और रिश्तेदारों का भी नरेगा में नाममनमर्जी इस कदर हावी है कि सरपंच के परिवार के सदस्य पिछले तीन माह से मनरेगा में श्रमिक बने हुए हंै। श्रमिक बनकर फर्जी भुगतान भी उठा रहे हैं। मनरेगा कार्यों में ग्राम विकास अधिकारी, सहायक ग्राम सेवक व सरपंच द्वारा फर्जी नाम चलाकर काली कमाई कर पिता-माता व भाई, पत्नीके नाम से भुगतान उठाया जा रहा हैं। सरपंच की पत्नी के नाम से 23 जून 2020 को मॉडल तालाब विकास कार्य रोड़ा के नाम से जारी मस्टररोल में बकायदा फर्जी नाम दर्ज है और भुगतान उठाया जा रहा हैं। यह नहीं वर्तमान में भी इस जगह मस्टररोल चल रहा है उसमें नाम चल रहा हैं। फर्जीवाड़े की जांचकर कार्रवाई करने की मांग को लेकर 13 जुलाई को उपखंड अधिकारी रानीवाड़ा को ज्ञापन सौंपा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
बेवकूफ बना रहे अधिकारी
इस संबंध में एसडीएम तक अभी तक जांच रिपोर्ट पहुंची नहीं है, दूसरी तरफ प्रकरण की जांच कर रहे अधिकारी ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ दिया कि शिकायत कर्ता ने अपनी शिकायत वापिस ले ली है। जबकि मामला शिकायत लेने या देने से कई बड़ा धांधली और गड़बड़ी का है। मृतकों के नाम से रुपए उठाने और मस्टररोल के नाम पर मनमर्जी करने, राजनीतिक प्रभाव से गड़बड़ी करने, अपने चहेतों को फायदा देने से जुड़ा है।
होना चाहिए था यह
चूंकि यह मामला धांधली और फर्जीवाड़े से जुड़ा है तो प्रशासनिक स्तर पर इस गड़बड़ी की बड़े स्तर पर जांच होनी चाहिए थी, लेकिन जांच अधिकारी ने सांठ गांठ करते हुए शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत वापिस लेने का हवाला देते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाला गया है। सीधे तौर पर राजनीतिक रसूखात और मामले पर पर्दा डालने से संबंधित यह प्रकरण है। जिसकी जांच उच्च स्तर पर होनी चाहिए।