जालोर में महिला को कुल्हा प्रत्यारोपण के सफलतापूर्वक सर्जरी से मिली राहत

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एपेक्स हॉस्पिटल एण्ड ऑर्थोपेडिक सेन्टर (Apex Hospital Jalore) की चिकित्सा टीम ने किया महिला का कुल्हा प्रत्यारोपण का सफलतापूर्वक ऑपरेशन
जालोर
एपेक्स हॉस्पिटल एण्ड ऑर्थोपेडिक सेन्टर जालोर (Apex Hospital Jalore) में पदस्थापित हड्डी एवं जोड रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विश्नोई और डॉक्टर विश्वास मोदी ने कुल्हा प्रत्यारोपण का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया है।
अस्पताल के प्रबंध निदेशक गोपाल सुंदेशा ने बताया कि अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने सांचौर निवासी 29 वर्षीय महिला विमला देवी के कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन करते हुए कुल्हे में नई बॉल लगाई गई है।
कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन करने वाले डॉ बिश्नोई ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मरीज के कुल्हे में अत्यधिक दर्द रहता था। एक्स-रे में यह बात पता चली कि महिला के कुल्हे मे अत्यधिक घिसावट हो जाने के कारण दर्द होना शुरू हुआ। अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधा व विशेषज्ञों की बेहतरीन टीम ने कुल्हा प्रत्यारोपण का सफल आपरेशन करते हुए नई बॉल को कुल्हे में प्रत्यारोपित कर मरीज को चिकित्सकीय राहत प्रदान की।
डॉ. विश्नोई ने बताया कि कूल्हे का प्रत्यारोपण एक आर्थोप्लास्टिस शल्य चिकित्सा है जिसमें रोगग्रस्त कोर्टिलेज और कूल्हे के जोड़ की हड्डी को निकालकर उसके स्थान पर नकली जोड़ लगाया जाता है जिसे प्रोस्थेसिस कहते हैं। आम तौर पर मरीज को कूल्हे के प्रत्यारोपण की सिफारिश तब की जाती है, जब उसके कूल्हे के जोड़ घिस जाते हैं या इतने क्षतिग्रस्त हो जाते हैं कि उनकी वजह से उसके चलने-फिरने में असुविधा होती है। साथ ही बहुत तेज दर्द होता हैं।
सामान्य तौर पर चिकित्सकीय परामर्श से ली गई दर्द निवारक दवाओं या फिजिकल थेरेपी से दूर नहीं होता तब हिप रिप्लेसमेंट या कुल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी जाती है। कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी के दौरान कूल्हे के सामने या उसके बाजू में एक चीरा लगाते हैं। बीमार या क्षतिग्रस्त कूल्हे को निकालकर उसके स्थान पर एक कृत्रिम जोड़ लगा दिया जाता है। आमतौर पर कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी में लगभग 60 से 90 मिनट का समय लगता है।
एपेक्स हॉस्पिटल एण्ड ओर्थोंपेडिक सेन्टर जालोर में हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विश्वास मोदी ने बताया कि एपेक्स हॉस्पिटल पश्चिमी राजस्थान के बेहतरीन अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण अस्पतालों में शुमार हैं। इसमें घुटना एवं कूल्हा प्रत्यारोपण के साथ-साथ कमर, गर्दन व घुटने का दर्द, रीड की हड्डी का ऑपरेशन, कुल्हे की जांच एवं सर्जरी, गंठिया वादी रोग, आनुवांशिक रोगों का इलाज, फ्लोराइड से प्रभावित हड्डियों, हाथों एवं पैरो मे जन्मजात सूनापन एवं टेड़ापन, इलिजारों सर्जरी द्वारा हड्डियों को लंबा करना, नए एवं पुराने बिगड़े हुए फ्रैक्चर का सफल इलाज यहां किया जाता है।