जालोर में बर्ड फ्लू को लेकर यह बड़ी खबर, जानिये खतरे को

- – चितलवाना क्षेत्र के निकट बल्र्ड फ्लू पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद विभाग अलर्ट, विशेष अभियान की शुरुआत
जालोर. मेघावा गांव में 9 फरवरी को कौओं के मरने की सूचना के बाद जांच के लिए भेजे गए सेंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद जिला प्रशासन सतर्क है। मामले में भेजे गए पांच सेंपल में से 3 की रिपोर्ट बर्ड फ्लू पॉजिटिव (एविन इन्फ्लूएंजा) पाए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार को 2 डॉक्टर समेत 6 कंपाउंडर के दल का गठन किया गया। यह दल मेघावा गांव पहुंचा। प्रभावित क्षेत्र के आस पास के कुक्कुड़ पालन केंद्रों की जांच पड़ताल होगी और यहां सेपलिंग की जाएगी। ये सेंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। उसके बाद यदि इनमें किसी कुक्कुट पालन केंद्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इन मुर्गियों को नष्ट किया जाएगा।
इस तरह घटित हुआ घटनाक्रम
9 फरवरी को मेघावा गांव मेें अचानक 17 कौओं के मरने की जानकारी विभाग को मिली, चूंकि बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है तो विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी सेंपलिंग करवाते हुए जांच के लिए नमूने भेजे, जिनमें से 3 सेंपल पॉजिटिव पाए गए हैं।
बर्ड फ्लू का यह प्रभाव
बर्ड फ्लू एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इन्फ्लुएंजा प्रकार ए वायरस के कारण होती है, जो आम तौर पर मुर्गियों और पोल्ट्री पक्षियों को प्रभावित करती है। पक्षी आमतौर पर वायरस के वाहक होते हैं। जो इसे लंबी दूरी तक ले जाते हैं, जिससे महाद्वीपों में बड़ी एवियन आबादी प्रभावित होती है। वायरस के कई स्ट्रेन हैं और उनमें से ज्यादातर हल्के हैं और केवल मुर्गियों में कम अंडा उत्पादन या अन्य हल्के लक्षण पैदा कर सकते हैं। हालांकि कुछ गंभीर और घातक हैं, जो बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत का कारण बनते हैं।
बाकरारोड में मिले मृत पक्षी
बर्ड फ्लू के खतरे के बीच बाकरारोड के निकट एक सर्विस स्टेशन में 1 कौए के अलावा 10 कबूतर मृत मिले। बाकरा गांव के कंपाउंडर जितेंद्र कुमार सूचना के बाद मौके पर पहुंचे और 1 कौए का सेंपल लिया और 10 मृत कबूतरों को डिस्पोस किया गया।